Sunday, 29 January 2012

बनारसी मस्ती के बनारस वाले

एक आदमी सड़क पर बेहोश हो गया. उसके इर्द-गिर्द भीड़ जमा हो गई. हर कोई उसे होश में लाने के लिए सलाहें देने लगा.
“बेचारे को थोड़ी ब्रांडी दो.” एक बुढिया बोली.
“इसके मुंह पर पानी के छींटे मारो.” कोई बोला.
“इसे ब्रांडी दो.” बुढिया ने दोहराया.
“इसे पंखा झलो.” कोई बोला.
“इसे ब्रांडी दो.” बुढिया फिर बोली.
“इसे अस्पताल ले जाओ.” किसी ने कहा.
“इसे ब्रांडी दो.”
“इसे … ”
तभी बेहोश पड़ा आदमी उठकर बैठ गया और जोर से चिल्लाया – “आप सब लोग अपनी बकवास बंद कीजिये और उस बेचारी बुढिया की बात सुनिए.”

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