Thursday 9 February 2012

देखो इनके चेहरे ! है शर्म का कोई निशाँ

ज़रा सोचिये -
आजकल की ताजातरीन खबर है कि भाजपा के तीन विधायक कर्नाटक विधानसभा में मोबाइल पर अश्लील फिल्म देखते पकडे गए हैं . मजेदार तथ्य यह है कि ऐसा करते हुए खबर बनने की आशंका  से बेखबर ये विधायक जब न्यूज़ चैनल पर चर्चा का विषय बने तो बेचारे अजीबोगरीब तर्क देने से बाज नहीं आये . बोले कि वो तो किसी विदेशी गेंग रेप का विडियो देख रहे थे क्योंकि यह उनके मोबाइल पर उपलब्ध कराया गया था . पार्टी प्रवक्ता का कहना है कि वे तो एस एम् एस देख रहे थे और अचानक उनके मोबाइल पर यह विडियो भेजा गया और वे उसे देखने लगे . अब ऐसा एस एम् एस आये और कोई सब कुछ भूलकर उसे देखने लग जाए तो इसमें उसका क्या दोष भला ? अब इससे क्या समझा जाए कि विधायक महोदय ने एक सर्विस सेंटर खोल रखा है जहां से ये सेवाए संचालित की जा रही हैं और कही भी कोई रेप होता है तो विधायक महोदय के फोन पर वह विडियो भेज दिया जाता है घटना चाहे विदेश की ही क्यों न हो ? वाह , क्या अच्छी तकनीक है . घटना हुई नहीं कि तुरंत सूचना प्रदत्त . वसुधैव कुटुम्बकम . वसुधा ही कुटुंब है . हमारी संस्कृति है यह . सारी धरती को हम अपना परिवार मानते हैं . सिर्फ अपने ही नहीं देश दुनिया के झगड़ों में हमारी दिलचस्पी है . रेप केश में तो ज्यादा ही . वैसे भी हमारे यहाँ ही मदेरणा , एन डी व अन्य बहुत से कारनामे करने वाले लोगों कि जमात है . वसुधा में कोई भी घटना कहीं भी हो तो हमारे विधायकों के पास बहुत या सबसे पहले पहुँच जाती है . धन्य है उस क्षेत्र की जनता जहां से ये विधायक महोदय आते हैं . क्योंकि इतने गुणी विधायक के चलते इनके अपने क्षेत्र में जब भी कोई बिजली पानी सड़क शिक्षा चिकित्सा या अन्य आपदा जैसी समस्याएं आती होंगी तो निश्चित तौर पर इनके मोबाइल पर तुरंत सूचना आ जाती होगी और समस्या निवारण के लिए फाइल चल पड़ती होगी . यह हम निश्चित तौर पर कह सकते हैं . आखिर भैया ! विडियो के प्रेषण में तो थोडा समय भी लग सकता है लेकिन एस एम् एस के जरिये  समस्या तो तुरंत ही पहुँच जाती होगी , ऐसा हमारा विश्वास है  और निश्चित तौर पर इससे हमारे विधायकों और सांसदों को सबक लेना चाहिए . एस एम् एस वैसे भी हमारी जिंदगी में वैसे ही शामिल हो गया है और बिन बुलाये मेहमानों की तरह ये एस एम् एस जब तब पहुंचते रहते हैं . अब आप समझ लें . उत्तर प्रदेश में चुनाव चल रहे हैं और ऐसे में कहीं और ज्यादा चुनावी पलीता न लग जाए इस चक्कर में कुशवाहा प्रकरण से बड़ी मुश्किल से पीछा छुड़ाने वाली भाजपा ने चाहे अनचाहे मजबूरी में ही सही तीनों विधायकों का निलंबन कर दिया है . ये क्या बात हुई . अब विधान सभा में क्या चल रही बहस कितनी बोरिंग होती है इसका अंदाजा इस घटना से भी हो सकता है . आखिर कहाँ विधानसभा आदि में पूछे जाने वाले सवाल या चर्चा के विषय और कहाँ गेंग रेप . अब ये पता नहीं कि विधायक महोदय समस्या सुलझाने के विषय  में सोच रहे थे या वास्तव में खुशवंत सिंह के अतीत में दिए गए बयान पर अमल कर रहे थे कि यदि लड़की के साथ बलात्कार हो रहा हो और लड़की अपने आपको बचाने में असमर्थ हो तो उसे बलात्कार का आनंद लेना चाहिए . अब विधायक महोदय उस समस्या का समाधान कर भी पायेंगे या नहीं या जिस देश में ये घटना घटी वहाँ की संसद पता नहीं उन्हें ऐसा करने देगी या नहीं या वह एक्शन देगी भी या नहीं पर अपने विधायक साहब को भी मजे लेने में ही यदि मजा आ रहा है तो वे क्यों विधान सभा के उल जलूल सवालों पर ध्यान दें . उसके लिए तो और भी बहुत से लोग हैं और जैसा कि हमारा विश्वास है कि इन विधायकों ने तो अपने क्षेत्र में जरूर एस एम् एस सेवा चला ही राखी होगी . और रही बात यदि आप कहें कि नैतिकता के बलात्कार की तो यह भी कोई चीज है भला ? मदेरणा या एन डी जैसों का क्या ? नैतिकता का बलात्कार तो आये दिन हो रहा है उसका क्या भला ? पोर्न स्टार जैसे शब्द ने यदि एक जगह समाज में बना ली है और लोग चर्चा करने में शर्म करने से बचने में लगे हैं तो फिर बचा क्या है ? वे विधायक भी तो आखिर पोर्न स्टार मूवी ही देख रहे थे .
ज़रा सोचिये , हम कहाँ जा रहे हैं ?

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